Stock Market Crash: अमेरिका और जापान की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में हालिया घटनाक्रम ने वैश्विक वित्तीय तंत्र को हिलाकर रख दिया है। अमेरिका में रोजगार के कमजोर आंकड़ों और जापान में ब्याज दर बढ़ाए जाने के कारण शेयर, बॉन्ड, और मुद्रा बाजार में अप्रत्याशित गिरावट देखी गई है।
भारतीय बाजार में ऐतिहासिक गिरावट
सेंसेक्स 2,686 अंक या 3.3% की गिरावट के बाद थोड़ा संभलते हुए 2,223 अंक या 2.7% की गिरावट के साथ 78,759 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 662 अंक गिरकर 24,056 पर बंद हुआ। यह गिरावट 4 जून को लोक सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सबसे बड़ी है।
जोमेटो (Zomato) के शेयर का विश्लेषण
बाजार पूंजीकरण में भारी नुकसान
शेयर बाजार में भारी गिरावट के कारण निवेशकों को 15.3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले तीन कारोबारी सत्र में 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर 442 लाख करोड़ रुपये (5.27 ट्रिलियन डॉलर) रह गया है। हालांकि, देसी बाजार की गिरावट एशियाई बाजारों की तुलना में कम रही। जापान का बाजार 12.4%, दक्षिण कोरिया 9%, और ऑस्ट्रेलियाई बाजार 3.7% की गिरावट के साथ बंद हुए।
विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FIIs) ने 10,073 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 9,156 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की यानि शेयर ख़रीदे। घरेलू निवेशकों के समर्थन के बिना, बाजार में और भी अधिक गिरावट हो सकती थी।
अमेरिका में मंदी की आशंका बढ़ी
अमेरिका में रोजगार के आंकड़ों से पता चलता है कि नियुक्तियों में कमी आई है और बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3% हो गई है, जो तीन साल में सबसे ज्यादा है। बेरोजगारी बढ़ने से मंदी का डर भी बढ़ गया है। फेडरल रिजर्व द्वारा आपातकालीन स्थिति में ब्याज दर में 50 आधार अंक की कटौती की उम्मीद बढ़ गई है।
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विशेषज्ञों की राय
अवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, “एक हफ्ते के अंदर ब्याज दर में नरमी से लेकर मंदी की आशंका तक के घटनाक्रम देखे गए हैं। यह देखना होगा कि क्या फेड घबराहट में जल्द कोई कदम उठाता है या नहीं। येन के कैरी ट्रेड के निपटान से भी निवेशकों में घबराहट बढ़ी है।”
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, “येन में मजबूती आई है जिससे कैरी ट्रेड का आकर्षण कम हो गया। इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है क्योंकि यहां जापान के निवेशकों ने प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से काफी निवेश किया हुआ है। जब तक वैश्विक हालात में सुधार नहीं होते, गिरावट पर खरीदारी का विचार नहीं करना चाहिए।”
भविष्य की संभावनाएं
बाजार में उतार-चढ़ाव मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 42% बढ़कर 20.4 पर पहुंच गया है, जिससे आने वाले दिनों में और अधिक उतार-चढ़ाव की संभावना है।
निष्कर्ष
अमेरिका और जापान की अर्थव्यवस्थाओं में हालिया घटनाओं ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में भारी गिरावट लाई है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक वैश्विक वित्तीय स्थिति में सुधार नहीं होता, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और गिरावट पर खरीदारी से बचना चाहिए।
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