सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) का वित्तीय विश्लेषण: लाभ और हानि की समीक्षा 2024

Suzlon Energy: सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड, भारत की अग्रणी पवन ऊर्जा कंपनियों में से एक है। पिछले कुछ वर्षों में, कंपनी ने अपने वित्तीय प्रदर्शन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। इस लेख में, हम सुजलॉन एनर्जी के पिछले 12 वर्षों के वित्तीय प्रदर्शन पर नज़र डालेंगे और देखेंगे कि कैसे कंपनी ने अपने कारोबार को बनाए रखा है और वर्तमान में किस स्थिति में है।

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Suzlon Energy: राजस्व और बिक्री का विश्लेषण

सुजलॉन एनर्जी का राजस्व साल 2013 में ₹18,914 करोड़ था, जो कि 2014 में बढ़कर ₹20,403 करोड़ हो गया। इसके बाद, 2015 में ₹19,954 करोड़ की थोड़ी गिरावट आई, लेकिन 2016 में कंपनी के राजस्व में बड़ी गिरावट आई और यह ₹9,483 करोड़ तक पहुंच गया। 2020 तक, सुजलॉन का राजस्व गिरकर ₹2,973 करोड़ हो गया, जो इसके अब तक के सबसे निचले स्तर पर था। हालांकि, कंपनी ने 2021 में ₹3,346 करोड़ और 2022 में ₹6,582 करोड़ की वृद्धि देखी। 2023 और 2024 में, कंपनी का राजस्व क्रमशः ₹5,971 करोड़ और ₹6,529 करोड़ था। मौजूदा वित्तीय वर्ष (TTM) में यह आंकड़ा ₹7,200 करोड़ होने की उम्मीद है।

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Suzlon Energy: खर्चे और परिचालन लाभ

सुजलॉन एनर्जी के खर्चों ने हमेशा इसके राजस्व पर दबाव डाला है। 2013 में कंपनी के कुल खर्चे ₹20,415 करोड़ थे, जो 2014 में बढ़कर ₹20,465 करोड़ हो गए। 2015 में खर्चे ₹25,703 करोड़ तक पहुंच गए, जो कि कंपनी के लिए एक बड़ी चुनौती थी। हालांकि, 2017 से खर्चे कम होने लगे और 2024 तक यह ₹5,492 करोड़ हो गए।

परिचालन लाभ (Operating Profit) की बात करें तो 2013 और 2015 में कंपनी ने भारी नुकसान देखा। 2013 में ₹-1,501 करोड़ का घाटा हुआ और 2015 में यह घाटा ₹-5,749 करोड़ तक पहुंच गया। 2017 में कंपनी ने ₹2,479 करोड़ का परिचालन लाभ दर्ज किया, जो कि 20% OPM के साथ था। 2024 में, कंपनी ने ₹1,037 करोड़ का परिचालन लाभ दर्ज किया और OPM 16% पर था।

Suzlon Energy: अन्य आय, ब्याज और मूल्यह्रास

अन्य आय (Other Income) के मामले में, सुजलॉन का प्रदर्शन काफी अस्थिर रहा है। 2016 में ₹2,563 करोड़ की अन्य आय दर्ज की गई, लेकिन अन्य वर्षों में कंपनी ने नुकसान दर्ज किया, जैसे 2013 में ₹-286 करोड़ और 2024 में ₹-24 करोड़।

ब्याज (Interest) के खर्चे ने कंपनी के लाभ पर काफी दबाव डाला है। 2014 में यह खर्च ₹2,070 करोड़ था, लेकिन कंपनी ने धीरे-धीरे इसे कम किया और 2024 में यह ₹164 करोड़ तक आ गया। मूल्यह्रास (Depreciation) का खर्च पिछले कुछ वर्षों में स्थिर रहा है, जो 2018 से 2024 के बीच ₹190 करोड़ से ₹342 करोड़ तक रहा।

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Suzlon Energy: कर पूर्व लाभ और शुद्ध लाभ

कर पूर्व लाभ (Profit Before Tax) की बात करें तो, 2013 से 2015 के बीच कंपनी को भारी घाटा हुआ। 2015 में यह घाटा ₹-8,816 करोड़ तक पहुंच गया। लेकिन 2016 में, कंपनी ने ₹584 करोड़ का कर पूर्व लाभ दर्ज किया। 2023 और 2024 में, कंपनी ने क्रमशः ₹2,892 करोड़ और ₹659 करोड़ का कर पूर्व लाभ दर्ज किया।

शुद्ध लाभ (Net Profit) के मामले में, 2013 से 2015 तक कंपनी को भारी घाटा हुआ, जिसमें 2015 में ₹-9,133 करोड़ का सबसे बड़ा घाटा था। लेकिन 2016 में, कंपनी ने ₹583 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया। 2023 में, सुजलॉन ने ₹2,887 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, और 2024 में यह ₹660 करोड़ तक पहुंच गया। प्रति शेयर आय (EPS) भी 2013 के ₹-21.47 से बढ़कर 2024 में ₹0.49 हो गई।

निष्कर्ष

सुजलॉन एनर्जी ने पिछले एक दशक में कई वित्तीय चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन कंपनी ने अपनी रणनीतिक पहल और वित्तीय अनुशासन के माध्यम से धीरे-धीरे सुधार किया है। कंपनी का वर्तमान वित्तीय प्रदर्शन सकारात्मक संकेत दे रहा है, लेकिन दीर्घकालिक सफलता के लिए सतत वित्तीय सुधार और प्रौद्योगिकी में निवेश महत्वपूर्ण होगा। पवन ऊर्जा क्षेत्र में सुजलॉन की मजबूती और विकास संभावनाएं इसे एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती हैं, जिसे भविष्य में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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