The Unusual Rise of Modern India: Saurabh Mukherjea की किताब में उजागर हुआ भारत का अनूठा आर्थिक सफर!

भारत ने पिछले कुछ सालों में जिस तरह से आर्थिक विकास किया है, वह दुनिया के लिए प्रेरणादायक बन चुका है। Marcellus Investment Managers के Saurabh Mukherjea की हालिया किताब The Unusual Rise of Modern India (द अनयूजुअल राइज ऑफ मॉडर्न इंडिया) में भारत के इस अद्वितीय विकास मॉडल का गहराई से विश्लेषण किया गया है। यह लेख इसी किताब के कुछ प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित है, जिनमें दक्षिण भारत का आर्थिक विकास, महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और Global Capability Centers का बढ़ता प्रभाव शामिल है। आइए जानें कि कैसे भारत का यह अनोखा सफर न केवल उसे वैश्विक आर्थिक मंच पर स्थापित कर रहा है, बल्कि दुनिया की उम्मीदों को भी नई दिशा दे रहा है।

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असामान्य विकास का मॉडल: कैसे भारत ने परंपरागत Growth Model को बदल दिया

कई देशों ने पारंपरिक Growth Model अपनाया है, जिसमें पहले कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाता है और फिर औद्योगिकरण की ओर रुख किया जाता है। लेकिन भारत ने इस परंपरा को छोड़ते हुए खुद का एक नया विकास मॉडल अपनाया है। भारत ने कृषि क्षेत्र से सीधे सेवाओं और तकनीकी विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, जो किसी अन्य विकासशील देश ने नहीं किया। Saurabh Mukherjea की किताब बताती है कि कैसे भारत ने अपने तरीके से आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

महिलाओं की बढ़ती भागीदारी: विकास की धुरी बनीं भारतीय महिलाएँ

भारत में महिलाओं का आर्थिक विकास में योगदान लगातार बढ़ रहा है। RBI और Mutual Fund जैसे सेक्टर्स में डाटा बताता है कि महिलाएं पढ़ाई में पुरुषों से आगे हैं और बेहतर नौकरियों में अपनी जगह बना रही हैं। महिलाएं अब न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, बल्कि उनकी आय में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। Urban Areas में महिलाओं की Savings में भी वृद्धि हुई है, जो भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

नए मध्यम वर्ग का उदय: आम परिवारों की आय में अभूतपूर्व वृद्धि

भारत में मध्यम वर्ग की बढ़ती संपन्नता भी विकास की नई कहानी लिख रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब देश में 2 लाख से अधिक परिवारों की वार्षिक आय ₹1 करोड़ से ज्यादा है, जो 10 साल पहले 40,000 थी। यह दर्शाता है कि छोटे शहरों के लोग भी अब आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं, और परंपरागत आर्थिक वर्गों में बदलाव देखने को मिल रहा है।

दक्षिण भारत: देश की अर्थव्यवस्था का नया इंजन

दक्षिण भारत ने अपने विकास से पूरे देश को प्रेरित किया है। भारत की 25% जनसंख्या दक्षिण में निवास करती है, लेकिन इसका GDP Contribution 50% के करीब है। यह क्षेत्र न केवल भारत की GDP Growth में प्रमुख योगदान दे रहा है बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ी से विकसित होते क्षेत्रों में भी गिना जा रहा है। दक्षिण भारतीय कंपनियाँ तेजी से उभर रही हैं, और Saurabh Mukherjea के अनुसार, यदि निवेशक अच्छा रिटर्न चाहते हैं तो उन्हें दक्षिण भारतीय कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए।

राजनीतिक शक्ति उत्तर में, आर्थिक शक्ति दक्षिण में

किताब में इस अनोखे विरोधाभास पर भी प्रकाश डाला गया है कि जहाँ राजनीतिक ताकत उत्तर भारत में अधिक है, वहीं आर्थिक शक्ति दक्षिण भारत में है। इस असामान्य विभाजन ने भारत को एक संतुलित विकास मॉडल अपनाने में मदद की है। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि जहाँ उत्तर में सत्ता का दबदबा है, वहीं दक्षिण भारतीय राज्य अपने आर्थिक प्रदर्शन से आगे बढ़ रहे हैं।

China+1 Strategy: भारत ने छीन लिया दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता अर्थव्यवस्था होने का खिताब

पिछले 30 वर्षों में चीन सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ देश था, लेकिन अब भारत ने यह स्थान हासिल कर लिया है। इसके पीछे कारण China+1 Strategy को माना जा रहा है, जहाँ कंपनियाँ चीन के अलावा एक और बाजार की तलाश कर रही हैं। भारत ने इस मौके को भुनाया है और टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक मजबूत उपस्थिति बनाई है, जिससे वह वैश्विक कंपनियों का आकर्षण केंद्र बनता जा रहा है।

टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बढ़ती ताकत

Mobile Manufacturing और Medical Devices जैसे क्षेत्रों में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। Saurabh Mukherjea की किताब में बताया गया है कि कैसे भारत की टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग में मजबूती, वैश्विक कंपनियों के लिए एक नया अवसर पेश कर रही है। यह वृद्धि भारत को भविष्य की टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बना सकती है।

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Global Capability Centers (GCC): भारत में बढ़ते विदेशी निवेश का केंद्र

Global Capability Centers (GCCs) ने भारत को वैश्विक Corporate Functions का केंद्र बना दिया है। भारत में अब Accounts, Administration, HR, और Sales जैसे कार्य अमेरिका और यूरोप की कंपनियों के लिए किए जा रहे हैं। इन GCCs के कारण भारत में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और Domestic Income में भी इजाफा हुआ है।

रोजगार के बढ़ते अवसर: विदेशी कंपनियों का बढ़ता विश्वास

GCCs के माध्यम से भारत में रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं। भारत के युवा अब अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों के लिए प्रमुख प्रशासनिक कार्य कर रहे हैं, जिससे उनकी आय और जीवन स्तर में वृद्धि हुई है। यह आर्थिक विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

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भारत की अनोखी आर्थिक कहानी

किताब “The Unusual Rise of Modern India” भारत के इस अनोखे आर्थिक मॉडल को एक नई नजरिए से देखती है। भारत की इस उन्नति की गाथा केवल एक आर्थिक प्रगति नहीं है, बल्कि यह दुनिया को यह भी सिखाती है कि कैसे असाधारण सोच के साथ एक नया विकास मॉडल अपनाया जा सकता है।

निष्कर्ष: भारत की असामान्य विकास गाथा

भारत ने अपनी असामान्य रणनीतियों के माध्यम से एक नई विकास गाथा लिखी है। महिलाओं की भूमिका से लेकर दक्षिण भारत के उदय तक, और Global Capability Centers से लेकर China+1 Strategy तक, हर पहलू भारत को एक असामान्य लेकिन अद्वितीय मार्ग पर ले जा रहा है। Saurabh Mukherjea की किताब न केवल भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाती है, बल्कि यह दुनिया को भारत की ओर एक नए नजरिए से देखने का अवसर भी देती है।

क्या भारत का यह अनोखा मॉडल बाकी दुनिया के लिए प्रेरणा बन सकता है? यह जानना आने वाले वर्षों में बहुत दिलचस्प होगा।

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