Top Mid Cap Stocks: शेयर बाजार में पिछले एक महीने से भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जिससे निवेशकों के मनोबल पर गहरा असर पड़ा है। निफ्टी 50 टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) 26 सितंबर 2024 के अपने हालिया शिखर से करीब 5% गिर गया है, जबकि निफ्टी मिडकैप 150 TRI में 3% से अधिक की गिरावट आई है। इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारक शामिल हैं, जैसे कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा लगातार पूंजी निकासी, मिड और स्मॉल-कैप शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन, और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव।
इसका असर निवेशकों की धारणा पर साफ देखा जा सकता है, और इसी कारण कई एक्टिव म्यूचुअल फंड्स ने भी सितंबर 2024 के दौरान मिडकैप शेयरों में अपने निवेश से पीछे हटने का फैसला किया।
म्यूचुअल फंड्स का Mid Cap Stocks से मोहभंग क्यों?
म्यूचुअल फंड्स के पोर्टफोलियो मैनेजर्स द्वारा मिडकैप शेयरों में बिकवाली का एक प्रमुख कारण हो सकता है कि ये शेयर अपने इन-हाउस टारगेट प्राइस पर पहुंच चुके हों। इसके अलावा, कुछ शेयरों का आकर्षण घट सकता है या उन्हें दूसरे शेयरों में बेहतर ग्रोथ की संभावनाएं दिखाई दी हों। सितंबर 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने विभिन्न मिडकैप शेयरों में अपने निवेश से बाहर निकलने का निर्णय लिया है।
यहां उन 10 Mid Cap Stocks की सूची दी जा रही है, जिन्हें म्यूचुअल फंड्स ने बेचकर अपने पोर्टफोलियो से बाहर कर दिया:
Indus Towers
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 32
किसने बेचा?: कोटक बैलेंस्ड एडवांटेज, महिंद्रा मैनुलाइफ लार्ज एंड मिड कैप, और अन्य
इंडस टावर्स, जो टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाएं प्रदान करता है, म्यूचुअल फंड स्कीम्स की बिकवाली के निशाने पर रहा। इसका प्रमुख कारण शेयर का ऊंचा मूल्यांकन हो सकता है।
ऑयल इंडिया (Oil India)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 14
किसने बेचा?: केनरा रॉब मिड कैप, डब्ल्यूओसी लार्ज कैप, और अन्य
तेल उत्पादन क्षेत्र की इस कंपनी में म्यूचुअल फंड्स ने बिकवाली की, जो बढ़ते ऊर्जा मूल्य और अस्थिर आपूर्ति श्रृंखला के चलते अनिश्चितता का शिकार हो सकता है।
कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 12
किसने बेचा?: इन्वेस्को इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर, सुंदरम लार्ज एंड मिड कैप, और अन्य
लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी में बिकवाली से संकेत मिलता है कि फंड मैनेजर्स को अन्य क्षेत्रों में बेहतर रिटर्न की उम्मीद हो सकती है।
इंडियन बैंक (Indian Bank)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 12
किसने बेचा?: बड़ौदा बीएनपी पारिबा मल्टी कैप, एचएसबीसी स्मॉल कैप, और अन्य
सरकारी बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और क्रेडिट वृद्धि के सीमित अवसरों के चलते म्यूचुअल फंड्स ने इस बैंक में अपनी हिस्सेदारी कम की है।
वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 11
किसने बेचा?: आईटीआई मिड कैप, यूनियन मिडकैप, और अन्य
टेलीकॉम सेक्टर की इस कंपनी की वित्तीय चुनौतियों और हाई डेब्ट प्रोफाइल ने म्यूचुअल फंड्स को इसमें अपनी हिस्सेदारी कम करने पर मजबूर किया।
अशोक लीलैंड (Ashok Leyland)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 9
किसने बेचा?: टाटा लार्ज एंड मिड कैप, बड़ौदा बीएनपी पारिबा ईएलएसएस टैक्स सेवर, और अन्य
ऑटोमोबाइल सेक्टर की इस प्रमुख कंपनी में भी म्यूचुअल फंड्स ने बिकवाली की है, जो वाहनों की मांग में कमी का संकेत हो सकता है।
बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 9
किसने बेचा?: आदित्य बिड़ला एसएल प्योर वैल्यू, एलआईसी एमएफ मिडकैप, और अन्य
इस सरकारी बैंक में बिकवाली के पीछे कारण इसके सीमित ग्रोथ ऑपर्चुनिटी और बैंकिंग सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा हो सकते हैं।
3एम इंडिया (3M India)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 8
किसने बेचा?: यूनियन बिजनेस साइकिल, आईसीआईसीआई प्रू इनोवेशन, और अन्य
मल्टीनेशनल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की इस कंपनी में म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी घटाई है, जो शायद प्रॉफिट बुकिंग का संकेत हो सकता है।
पेट्रोनेट एलएनजी (Petronet LNG)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 7
किसने बेचा?: एक्सिस मिडकैप, बंधन मल्टी कैप, और अन्य
ऊर्जा क्षेत्र की इस कंपनी में बिकवाली शायद बढ़ती कमोडिटी की कीमतों और अनिश्चित आपूर्ति के कारण हुई हो।
हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HUDCO)
बिकवाली करने वाली एक्टिव स्कीम्स: 6
किसने बेचा?: श्रीराम फ्लेक्सी कैप, जेएम लार्ज कैप, और अन्य
हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर की इस कंपनी में बिकवाली ने संकेत दिया कि म्यूचुअल फंड्स को इस सेक्टर में बेहतर विकल्प मिल सकते हैं।
क्या आपको अपने निवेश पर पुनर्विचार करना चाहिए?
इन Mid Cap Stocks से म्यूचुअल फंड्स की बिकवाली निवेशकों के लिए एक संकेत हो सकता है कि उन्हें अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए। हालाँकि, निवेश से पहले व्यक्तिगत शोध करना और विशेषज्ञों की सलाह लेना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। मिडकैप शेयरों में अस्थिरता अधिक होती है, और यह जरूरी नहीं कि फंड मैनेजर्स का बिकवाली का निर्णय आपके निवेश के लिए सही हो।
निष्कर्ष
Mid Cap Stocks पर म्यूचुअल फंड्स का भरोसा कम होना बाजार की मौजूदा परिस्थितियों और आने वाले समय में अनिश्चितता का संकेत हो सकता है। यदि आपने भी इनमें से किसी स्टॉक में निवेश किया है, तो यह समय अपने निवेश की रणनीति पर पुनर्विचार करने का हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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