Vijay Kedia का बड़ा दांव: हाल ही में भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी जा रही है, और इसका एक मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा लगातार बिकवाली मानी जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से धन निकालकर चीनी बाजार में निवेश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें वहां के मूल्यांकन अपेक्षाकृत सस्ते लग रहे हैं। इसी प्रवृत्ति का अनुसरण करते हुए, स्टार निवेशक Vijay Kedia ने भी चीन के बाजार में अपने निवेश को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने पोर्टफोलियो का 2-3 प्रतिशत हिस्सा चीनी इक्विटी में निवेश किया है और इसे बढ़ाकर 5 प्रतिशत तक करने की योजना है।
Vijay Kedia का चीन में निवेश का कारण
Vijay Kedia ने चीन के इक्विटी मार्केट में निवेश का मुख्य कारण वहाँ के स्टॉक्स की कम वैल्यूएशन बताया है। उन्होंने बताया कि पिछले 15 वर्षों से चीनी शेयर बाजार में कोई बड़ी वृद्धि नहीं देखी गई है, जिससे वहां की इक्विटी अपेक्षाकृत कम कीमत पर उपलब्ध है। Vijay Kedia ने कहा, “चीन एक नई ग्रोथ स्टोरी है और मुझे लगता है कि आगे चलकर चीनी शेयरों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा।”
चीन में निवेश के लिए पोर्टफोलियो में बदलाव
Vijay Kedia ने अपने पोर्टफोलियो के कुछ स्टॉक्स, जैसे कि Patel Engineering, को बेचकर चीनी बाजार में निवेश किया है। उन्होंने बताया कि इस बदलाव के पीछे का कारण चीनी इक्विटी बाजार में संभावित लाभ की संभावना है। उन्होंने सीधे चीनी स्टॉक्स में निवेश करने की बजाय, Mutual Fund ETFs (Exchange-Traded Funds) के माध्यम से निवेश किया है, जिससे उन्हें चीनी शेयरों की एक बास्केट खरीदने का मौका मिला।
ETF के माध्यम से निवेश: फायदे और विशेषताएं
ETFs एक प्रकार के निवेश फंड हैं, जो स्टॉक एक्सचेंजों पर व्यक्तिगत स्टॉक की तरह ट्रेड किए जाते हैं। इनमें विभिन्न एसेट क्लास जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड्स या कमोडिटीज का कलेक्शन होता है, जो निवेशकों को एक ही लेनदेन में विविध प्रकार की सिक्योरिटीज़ में निवेश करने का अवसर देता है। यह उन निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है जो व्यक्तिगत एसेट क्लासेज में निवेश करने के बजाय एक स्पेसिफिक सेक्टर या बाजार में व्यापक निवेश करना चाहते हैं।
चीनी बाजार का उभरता आकर्षण
कोविड-19 महामारी के बाद, भारत और जापान के बाजार एशिया के प्रमुख इक्विटी बाजारों में गिने जाते थे। भारत में मजबूत आर्थिक विकास और कॉर्पोरेट अर्निंग्स ने शेयर बाजार में उल्लेखनीय तेजी लाई थी। हालांकि, हाल ही में भारतीय और जापानी बाजारों में कुछ मंदी देखी गई है। इसका मुख्य कारण चीन की सरकार द्वारा आर्थिक मंदी से उबरने के लिए सितंबर के अंत में प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा को माना जा रहा है। इस कदम ने संकेत दिया कि चीन की सरकार विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाने के लिए तैयार है।
चीन की ओर विदेशी निवेशकों का रुझान
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर माह में विदेशी निवेशकों ने चीनी सिक्योरिटीज में $20 बिलियन का नेट इन्वेस्टमेंट किया, जो 2021 के बाद से सबसे बड़ा मासिक निवेश है। इसके अतिरिक्त, CSI 300 Index, जो शंघाई और शेनझेन-लिस्टेड स्टॉक्स को ट्रैक करता है, 13 सितंबर से 23% की वृद्धि के साथ बुल मार्केट में प्रवेश कर चुका है।
HSBC के अनुसार, उभरते हुए बाजारों के फंड्स ने दस महीनों में पहली बार चीनी स्टॉक्स में अधिक वजन वाली स्थिति बनाई है, और एशियाई फंड्स की होल्डिंग पाँच साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है।
Vijay Kedia का चीनी बाजार में विश्वास
Vijay Kedia का चीन में निवेश करने का निर्णय उनके दीर्घकालिक दृष्टिकोण और जोखिम-प्रबंधन के सिद्धांतों पर आधारित है। चीन में उनके निवेश का उद्देश्य वहां की ग्रोथ स्टोरी का लाभ उठाना है, जबकि उन्होंने अपने भारतीय पोर्टफोलियो में भी रणनीतिक बदलाव किए हैं। चीनी बाजार में निवेश कर Kedia ने संकेत दिया है कि भविष्य में चीनी इक्विटी एक प्रमुख निवेश विकल्प बन सकता है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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