क्या Nifty 19,500 से नीचे गिरेगा? जानें एक्सपर्ट्स की राय

भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। Nifty-50 Index ने अपने सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर 26,277 से अब तक 16% की गिरावट दर्ज की है। इस गिरावट के कारण NSE में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 477.93 लाख करोड़ रुपये से घटकर 382.71 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है। इस तरह, निवेशकों की कुल संपत्ति में 95.22 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है।

क्या Nifty और गिरेगा? Elara Capital का बड़ा अनुमान

Elara Capital के अनुसार, Nifty मौजूदा 22,000 के स्तर से 2,500 अंक और गिर सकता है, जिससे यह जून 2024 के चुनावी नतीजों के निचले स्तर 21,280 को भी तोड़ सकता है। याद दिला दें कि चुनाव नतीजों के दिन Nifty 9% गिरा था

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Elara Capital ने मार्च 2020 में COVID-19 के बाद बाजार के तेजी से उबरने की भविष्यवाणी की थी। लेकिन अब उनका मानना है कि सितंबर 2024 से ही 18-24 महीनों का लंबा मंदी का दौर शुरू हो चुका है और अभी तक इसमें 5 महीने बीत चुके हैं

क्या अमेरिकी बाजार Nifty को बचा पाएगा?

Elara Capital के अनुसार, अमेरिकी बाजार में मजबूती बनी रहेगी और वहां हालिया गिरावट के बाद एक मजबूत रिकवरी देखने को मिलेगी। हालांकि, भारत अभी भी वैश्विक बाजारों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन कर सकता है

हालांकि, Indian IT Sector को अमेरिकी बाजार में मजबूती का फायदा मिल सकता है। Elara Capital का मानना है कि अगले 16-18 महीनों तक IT सेक्टर एक सेफ हेवन बन सकता है, जहां निवेशकों को लॉन्ग-टर्म में फायदा मिल सकता है।

अगर 21,280 का लेवल टूटता है तो क्या होगा?

अगर Nifty अपने चुनावी नतीजों के लो 21,280 को तोड़ता है, तो यह मंदी के पहले फेज की शुरुआत होगी। ऐसा होने पर बाजार में मजबूत बिकवाली का दबाव आ सकता है, जिससे और गहरी गिरावट देखने को मिलेगी। इतिहास गवाह है कि जब भी किसी महत्वपूर्ण स्तर को बाजार तोड़ता है, तो बिकवाली तेज हो जाती है

ब्रोकरेज फर्म्स क्यों कर रहे Nifty पर बुलिश दांव?

हालांकि, कुछ ब्रोकरेज हाउस Nifty के 2025 तक तेजी से बढ़ने का अनुमान लगा रहे हैं।

🔹 ICICI Direct ने Nifty के लिए 28,800 का टारगेट दिया है, जो 30% की बढ़त को दर्शाता है।
🔹 Goldman Sachs, Jefferies और CitiBank जैसी विदेशी ब्रोकरेज फर्म्स ने Nifty के लिए 25,000 से 27,000 के बीच टारगेट दिया है, जो 13% से 22% का संभावित अपसाइड दिखाता है।

Nifty में गिरावट के 4 बड़े कारण

1️⃣ FIIs की लगातार बिकवाली – विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार पर दबाव बना हुआ है।
2️⃣ अमेरिकी डॉलर की मजबूती – डॉलर स्ट्रॉन्ग होने से उभरते बाजारों में निवेश घटता है।
3️⃣ कॉर्पोरेट अर्निंग्स में सुस्ती – कंपनियों के मुनाफे की ग्रोथ उम्मीद से कम हो रही है।
4️⃣ ट्रम्प टैरिफ का खतरा – अमेरिका में संभावित टैरिफ बढ़ोतरी का असर भारतीय बाजार पर पड़ सकता है।

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FAQs

क्या Nifty 19,500 के स्तर तक गिर सकता है?
🔹 Elara Capital के अनुसार, अगर मंदी का दौर जारी रहा तो Nifty 19,500 से नीचे भी जा सकता है।

2025 तक Nifty का संभावित टारगेट क्या है?
🔹 ब्रोकरेज फर्म्स का अनुमान है कि 2025 तक Nifty 25,000 से 28,800 के बीच पहुंच सकता है।

इस समय कौन-सा सेक्टर सुरक्षित रहेगा?
🔹 विशेषज्ञों के अनुसार, IT सेक्टर मंदी में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकता है और निवेशकों के लिए एक सेफ हेवन साबित हो सकता है।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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