यस बैंक (Yes Bank) टर्नअराउंड: लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई 2024?

यस बैंक (Yes Bank), जो कभी एक तेजी से बढ़ता हुआ बैंक था, अब एक कठिन दौर से गुजर रहा है। क्या यह बैंक पूरी तरह से पुनर्जीवित हो पाएगा? इस लेख में हम यस बैंक के टर्नअराउंड की यात्रा, इसके सामने आने वाली चुनौतियों, और इसके भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Yes Bank की स्थापना और प्रारंभिक विकास

यस बैंक की स्थापना 2004 में हुई थी। इसके सह-संस्थापक अशोक कपूर और राणा कपूर थे। अशोक कपूर के निधन के बाद, राणा कपूर ने बैंक की कमान संभाली और बैंक ने बहुत तेजी से विस्तार किया। राणा कपूर के नेतृत्व में बैंक ने कई उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे रियल एस्टेट में बड़े पैमाने पर कर्ज दिया, जिससे बैंक की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) बहुत बड़ी हो गई।

Inox Wind Share Price रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा, शेयर में तेजी का रुख

Yes Bank की समस्याएं और RBI की हस्तक्षेप

2018 के अंत तक, यस बैंक की लोन बुक ₹1.23 ट्रिलियन तक पहुंच गई थी, और बैंक का नेट प्रॉफिट ₹4,224 करोड़ था। लेकिन RBI के एसेट क्वालिटी रिव्यू ने बैंक की वित्तीय स्थिति की कमजोरी को उजागर किया। बैंक के कर्जों में बड़े पैमाने पर बुरे ऋण (बैड लोन) पाए गए, जिससे बैंक की साख पर सवाल उठने लगे। इस वजह से, RBI ने राणा कपूर को पद से हटाकर उनकी जगह रवनीत गिल को मार्च 2019 में बैंक का नया एमडी और सीईओ नियुक्त किया।

Yes Bank: पुनर्गठन योजना और वर्तमान स्थिति

2020 में, यस बैंक की स्थिति इतनी खराब हो गई कि RBI को बैंक के पुनर्गठन की योजना लागू करनी पड़ी। इस योजना के तहत, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बैंक में 49% हिस्सेदारी खरीदी। इसके अलावा, HDFC, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, और अन्य बैंकों ने भी यस बैंक में निवेश किया। इस समय, बैंक ने तीन साल से लगातार लाभ अर्जित किया है, लेकिन इसके ऑपरेटिंग प्रॉफिट की वृद्धि धीमी रही है।

IndiGO एयरलाइंस दे रही है अपने पायलट्स को मुफ्त Apple iPads

रणनीतिक निवेशकों की चुनौतियां

यस बैंक के टर्नअराउंड के लिए एक प्रमुख चुनौती यह है कि बैंक में रणनीतिक निवेशक आकर्षित करना मुश्किल हो रहा है। इसका मुख्य कारण बैंक में बड़े पैमाने पर इक्विटी डाइल्यूशन (शेयरों की संख्या में वृद्धि) है, जिसने बैंक के रिटर्न पैरामीटर्स (लाभ मापदंडों) को कमजोर कर दिया है। जब तक बैंक के रिटर्न प्रोफाइल में सुधार नहीं होता, तब तक किसी बड़े रणनीतिक निवेशक के आने की संभावना कम है।

Yes Bank के वित्तीय प्रदर्शन की तुलना

यस बैंक का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 2023-24 में मात्र 6% बढ़कर ₹3,386 करोड़ हुआ है। बैंक ने ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास फंड (RIDF) में भी निवेश किया है, जिससे इसके लाभ में और कमी आई है। बैंक का रिटर्न ऑन एसेट्स (ROA) केवल 0.3% है, जो संकेत देता है कि बैंक अपने एसेट्स का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पा रहा है।

Aditya Birla Sun Life Nifty India Defence Index Fund NFO

निवेशकों के लिए सलाह

टेक्निकल चार्ट्स के अनुसार यस बैंक में कुछ सुधार दिख रहा है, लेकिन निवेशकों को जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। बैंक के शेयरों में तेजी आ सकती है, लेकिन यह कब होगा, यह कहना मुश्किल है। निवेशकों को सलाह है कि वे अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और उसके बाद ही खरीदने या बेचने का निर्णय लें।

निष्कर्ष

यस बैंक की स्थिति स्थिर हो रही है, लेकिन पूरी तरह से टर्नअराउंड होने में समय लग सकता है। बैंक के सामने कई चुनौतियां हैं, और इसका भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि यह इन चुनौतियों का सामना कैसे करता है। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।


यह लेख Yes Bank के वर्तमान स्थिति और संभावनाओं पर एक विस्तृत नजर डालता है, जो निवेशकों और पाठकों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा, तो कृपया इसे शेयर करें और अपने विचार नीचे कमेंट में साझा करें।

डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

Suzlon Energy Share Price Target 2025, 2028, और 2030

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment