IREDA Share News: IPO की तरह जल्द आ सकता है FPO, 10% हिस्सा बिक्री पर आई ताजा खबर

भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) के लिए एक महत्वपूर्ण विकास में, कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, प्रदीप कुमार दास ने हाल ही में घोषणा की कि सरकारी हिस्सेदारी बिक्री के लिए अंतिम मंजूरी जल्द ही मिल सकती है। श्री दास ने बताया कि IREDA में 10% हिस्सेदारी घटाने की मंजूरी अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है।

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सरकारी हिस्सेदारी बिक्री और फंड जुटाने की योजना

IREDA ने पहले 10% हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी मांगी थी, जिसका लक्ष्य लगभग ₹4,500 करोड़ जुटाने का है। यह कदम कंपनी की ग्रोथ रणनीति का हिस्सा है। वर्तमान में, सरकार के पास IREDA में 75% हिस्सेदारी है। IREDA की स्थापना 1987 में एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान के रूप में की गई थी, जो नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत कार्य करती है और पूरे भारत में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ग्रीन बॉन्ड टैक्सोनॉमी और भविष्य की निवेश योजनाएँ

प्रदीप कुमार दास ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार जल्द ही नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए समर्पित एक ग्रीन बॉन्ड टैक्सोनॉमी लॉन्च करने की योजना बना रही है, जो इस क्षेत्र की वृद्धि को और अधिक बढ़ावा देगा। IREDA अपनी वित्तपोषित परियोजनाओं के मुद्रीकरण को अपनी भविष्य की रणनीति के रूप में देख रही है। श्री दास ने यह भी बताया कि IREDA को उन कंपनियों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए जो धारा 54EC के तहत कवर किए गए बॉन्ड के माध्यम से फंड जुटाने में सक्षम हों, जिससे निवेशकों को महत्वपूर्ण कर लाभ मिलेंगे।

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2030 की दृष्टि: लोन बुक का विस्तार और महारत्न दर्जा

आने वाले समय में, IREDA के पास नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएँ हैं। श्री दास ने बताया कि कंपनी 2030 तक ₹4-5 लाख करोड़ का निवेश करने का लक्ष्य रखती है। इसके अलावा, कंपनी अपनी लोन बुक को ₹64,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹3.5 लाख करोड़ करने की योजना बना रही है।

श्री दास ने यह भी खुलासा किया कि IREDA का लक्ष्य 2029 तक ‘महारत्न’ का दर्जा प्राप्त करना है, जो वर्तमान में ‘नवरत्न’ का दर्जा रखता है। जहां नवरत्न कंपनियां ₹1,000 करोड़ तक का निवेश बिना सरकारी मंजूरी के कर सकती हैं, वहीं महारत्न कंपनियां ₹5,000 करोड़ या अपनी शुद्ध संपत्ति का 15% तक किसी एक परियोजना में निवेश करने के लिए स्वतंत्र होती हैं। यह उन्नत स्थिति IREDA को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विलय, अधिग्रहण और रणनीतिक निवेश करने की भी स्वतंत्रता देगी।

प्रतिस्पर्धात्मक लाभ और GIFT सिटी ऑफिस

श्री दास ने घरेलू बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को स्वीकार किया, खासकर हेजिंग लागत के कारण। हालांकि, IREDA अपने नए GIFT सिटी कार्यालय के खुलने के बाद हेजिंग लागत में लगभग 3.5% की बचत की उम्मीद करती है, जिससे कंपनी भविष्य के लिए अधिक प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति में आ जाएगी।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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