Metal Stock: भारतीय मेटल सेक्टर में शुक्रवार, 13 दिसंबर को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। SAIL, Vedanta, और NMDC जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली के कारण निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा। आइए, जानते हैं इस गिरावट के पीछे के मुख्य कारण और इसका प्रभाव।
Metal Stock में तेज गिरावट
SAIL ने मेटल इंडेक्स पर सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की, जिसमें शेयर 5.5% से अधिक टूट गया। इसके अलावा, Tata Steel, Hindustan Copper, NMDC, और JSW Steel जैसे अन्य प्रमुख स्टॉक्स में भी 3% से अधिक की गिरावट आई। यह गिरावट पूरे मेटल सेक्टर में व्यापक दबाव को दर्शाती है।
गिरावट के कारण
चीन के आर्थिक सम्मेलन से निराशा
चीन के वार्षिक आर्थिक सम्मेलन में मजबूत stimulus measures की घोषणा की उम्मीद थी। हालांकि, सम्मेलन के बाद स्पष्ट योजनाओं का अभाव रहा, जिससे निवेशकों में निराशा फैली।
अनिश्चितता और व्यापार तनाव
चीन ने अपने बजट घाटे को बढ़ाने, अतिरिक्त कर्ज जारी करने और monetary policy को आसान करने की योजना बनाई है। यह कदम अमेरिका के साथ संभावित व्यापार तनावों को ध्यान में रखकर उठाए गए हैं, खासकर डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने की पृष्ठभूमि में।
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बेस मेटल्स की कीमतों में गिरावट
चीन की नीतियों की अस्पष्टता ने शुक्रवार को base metal prices को प्रभावित किया।
- LME Aluminium: 0.2% की गिरावट के साथ $2,595 प्रति टन पर आ गया।
- Zinc: 0.5% गिरकर $3,061 प्रति टन पर पहुंचा।
- Nickel: 0.2% घटकर $16,130 प्रति टन रहा।
- Lead: 0.3% की गिरावट के साथ $1,999.5 प्रति टन पर पहुंचा।
- Tin: 0.3% गिरकर $29,460 प्रति टन पर आ गया।
वैश्विक बाजारों में अस्थिरता
वैश्विक कमोडिटी बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और चीन के stimulus measures की अस्पष्टता ने भारतीय Metal Stock पर दबाव बढ़ा दिया।
मेटल सेक्टर पर दीर्घकालिक प्रभाव
चीन की मांग का असर
चीन की infrastructure और construction से जुड़ी गतिविधियों में संभावित बढ़ोतरी से मेटल की मांग में वृद्धि हो सकती है। इससे Tata Steel और JSW Steel जैसी कंपनियों को लाभ मिलेगा।
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चीन की स्टील निर्यात नीति
चीन के उच्च स्तर के steel exports भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ा सकते हैं। इससे घरेलू उत्पादकों को कीमत स्थिर रखने के लिए protective measures अपनाने की जरूरत होगी।
भारत की स्टील इंडस्ट्री का भविष्य
भारतीय स्टील उद्योग 2025 तक 8% की वार्षिक मांग वृद्धि का अनुमान लगा रहा है। भारत सरकार infrastructure और construction projects में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है, जिससे घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने की योजना है।
विशेषज्ञों की सलाह
अनिश्चित आर्थिक और geopolitical environment को देखते हुए विशेषज्ञों ने Metal Stock में निवेश से बचने की सलाह दी है। विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा अस्थिरता के कारण इस सेक्टर में निवेश करना जोखिमपूर्ण हो सकता है।
निष्कर्ष
भारतीय Metal Stock पर हाल की गिरावट वैश्विक और घरेलू कारकों के मिलेजुले प्रभाव का नतीजा है। चीन की नीतिगत अस्पष्टता और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव ने सेक्टर को कमजोर किया है। हालांकि, लंबे समय में चीन की बढ़ती मेटल मांग और भारत में बुनियादी ढांचे के विकास से यह सेक्टर पुनः मजबूती की ओर बढ़ सकता है। निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और बाजार की गतिविधियों पर नजर बनाए रखनी चाहिए।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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