PPF New Rules 2024: क्या आपके PPF खाते पर लगेगा ताला? जानिए 1 अक्टूबर 2024 से लागू होने वाले नए नियमों के बारे में

PPF New Rules: लोकप्रिय निवेश साधन पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में सरकार ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जो 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होंगे। ये बदलाव खास तौर पर माइनर अकाउंट्स, एनआरआई अकाउंट्स, और मल्टीपल PPF अकाउंट्स रखने वाले खाताधारकों को प्रभावित करेंगे। अगर आपने भी PPF में निवेश किया है, तो इन नियमों को समझना बेहद ज़रूरी है, ताकि आप अपने निवेश को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें।

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माइनर PPF अकाउंट्स के लिए नया नियम

अगर आपने अपने बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोला हुआ है, तो अब यह आवश्यक है कि उस अकाउंट में माता-पिता का नाम दर्ज हो। अगर पेरेंट का नाम PPF अकाउंट में नहीं है, तो उसे “इरेगुलर अकाउंट” माना जाएगा। ऐसे खातों पर पीपीएफ की दर से ब्याज नहीं मिलेगा, बल्कि पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट के मुकाबले कम ब्याज दिया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि PPF खातों का दुरुपयोग न हो और सिस्टम पारदर्शी बने।

मल्टीपल PPF अकाउंट्स पर रोक

नए नियमों के तहत, अब कोई भी व्यक्ति एक से अधिक पीपीएफ खाते नहीं रख सकता। अगर किसी के पास कई PPF अकाउंट्स हैं, तो उसका केवल पहला अकाउंट “प्राइमरी अकाउंट” माना जाएगा, और शेष खातों पर ब्याज नहीं मिलेगा। प्राइमरी अकाउंट पर ही PPF की ब्याज दर लागू होगी। यह नियम इसलिए लाया गया है ताकि लोग PPF खातों का अनुचित लाभ न उठा सकें और टैक्स-फ्री ब्याज को कई खातों में विभाजित कर बड़ी राशि न कमा सकें।

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NRI खाताधारकों पर असर

अगर कोई खाताधारक एनआरआई बन जाता है, तो उसके पीपीएफ खाते पर 30 सितंबर 2024 तक ही ब्याज मिलेगा। 1 अक्टूबर 2024 से एनआरआई खातों पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि PPF योजना केवल रेजिडेंट भारतीयों के लिए है, और एनआरआई को इस योजना का लाभ देना अब उचित नहीं माना जा रहा है। ऐसे खाताधारकों को अपने पीपीएफ खाते बंद करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि उन पर कोई और ब्याज नहीं मिलेगा।

मल्टीपल अकाउंट्स को कैसे करें कंसॉलिडेट?

अगर आपके पास एक से अधिक पीपीएफ अकाउंट्स हैं, तो आपको उन्हें कंसॉलिडेट करना होगा। नियमों के अनुसार, आपको केवल अपने प्राइमरी अकाउंट में 1.5 लाख रुपये तक की राशि जमा करने की अनुमति है। अन्य खातों में जमा की गई अतिरिक्त राशि बिना ब्याज के वापस कर दी जाएगी। यह ध्यान में रखें कि केवल प्राइमरी अकाउंट पर ही टैक्स-फ्री ब्याज मिलेगा।

पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में अंतर

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि पीपीएफ पर मिलने वाला टैक्स-फ्री ब्याज केवल पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत मान्य है। अगर आप नई टैक्स व्यवस्था का पालन कर रहे हैं, तो आपको PPF में निवेश पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी। हालांकि, निवेश की गई राशि पर मिलने वाला ब्याज टैक्स-फ्री होगा, जो अभी 7.1% की दर से है।

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PPF अकाउंट को समझदारी से प्रबंधित करें

यदि आपके पास मल्टीपल पीपीएफअकाउंट्स हैं, तो बेहतर यही होगा कि आप उनमें से केवल एक अकाउंट को जारी रखें और बाकी को बंद कर दें। यह आपको सरकार द्वारा तय की गई सीमा के तहत टैक्स-फ्री ब्याज अर्जित करने में मदद करेगा। इसके अलावा, अगर आपका अकाउंट 5 साल से अधिक पुराना है, तो आप आंशिक रूप से निकासी का भी लाभ ले सकते हैं।

निष्कर्ष

पीपीएफ में हुए इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य खाताधारकों के लिए एक पारदर्शी और संगठित प्रणाली को स्थापित करना है। खासकर, माइनर और मल्टीपल अकाउंट्स पर लगाए गए प्रतिबंधों से सरकार को टैक्स छूट के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी। यदि आप एनआरआई हैं, तो 1 अक्टूबर से पहले अपने PPF खाते को प्रीमैच्योर क्लोज करने पर विचार करें। इन नए नियमों को ध्यान में रखते हुए, पीपीएफ में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि आप केवल एक ही अकाउंट बनाए रखें और उसमें जमा करें, ताकि आप अपने निवेश पर अधिकतम लाभ उठा सकें।

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