क्या Gold से भी कीमती बन सकता है Silver | Can silver become more precious than gold! 2025

Can silver become more precious than gold: “चांदी की चमक बढ़ रही है” — हाल ही में चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर के वायदा भाव ने पहली बार ₹1,00,000 प्रति किलो का आंकड़ा पार किया। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस विषय पर अपनी राय X (पहले ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने बताया कि चांदी, जो पहले केवल एक पारंपरिक कीमती धातु मानी जाती थी, अब आधुनिक तकनीकों के कारण एक महत्वपूर्ण औद्योगिक संसाधन बन चुकी है।

चांदी की यह तेजी डॉलर इंडेक्स में अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनावों के बीच आई है, जो निवेशकों के बीच कीमती धातुओं के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाती है।

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Silver की मांग में ऐतिहासिक उछाल

अनिल अग्रवाल ने कहा, “भारत में चांदी की कीमतें ₹1 लाख प्रति किलो को पार कर चुकी हैं! पिछले साल से मांग दोगुनी हो चुकी है। इसकी मांग सिर्फ पारंपरिक उपयोगों के लिए नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर औद्योगिक मांग के कारण बढ़ रही है। चांदी का इस्तेमाल अब सौर ऊर्जा पैनलों, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, और कई अन्य तकनीकों में हो रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि चांदी की बढ़ती मांग और सप्लाई के बीच असंतुलन इसे भविष्य का “क्रिटिकल मेटल” बना रहा है।

Silver की कीमतों में उछाल का कारण

DSP म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट के अनुसार, चांदी ने अन्य कीमती धातुओं जैसे सोने को भी प्रदर्शन में पीछे छोड़ दिया है। इसका कारण इसका व्यापक औद्योगिक उपयोग है, जो आधुनिक तकनीक के लिए अपरिहार्य होता जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल्स, बैटरियों और सेमीकंडक्टर्स में चांदी का महत्व तेजी से बढ़ा है। औद्योगिक मांग में वृद्धि के साथ-साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दरों में कटौती की संभावना भी इसके बाजार मूल्य को बढ़ा रही है।

Hindustan Zinc का Silver उत्पादन में योगदान

अनिल अग्रवाल ने यह भी बताया कि वेदांता समूह की सहायक कंपनी, हिंदुस्तान जिंक, वैश्विक चांदी बाजार में अहम योगदान दे रही है। यह कंपनी पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित रिफाइनरी के माध्यम से चांदी का उत्पादन करती है, जो उत्पादन प्रक्रिया को पर्यावरण-संवेदनशील बनाता है।

उन्होंने कहा, “शुरुआत में चांदी का उत्पादन करना एक चुनौती थी, लेकिन हमारे इंजीनियर्स और टेक्नोलॉजिस्ट्स ने इसे संभव बनाया। आज, हम वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े चांदी उत्पादकों में से एक हैं और हमारा लक्ष्य नंबर एक बनना है।” अग्रवाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंदुस्तान जिंक द्वारा उत्पादित सारी चांदी भारत में ही बेची जाती है, जो कि कंपनी के स्थानीय बाजारों पर केंद्रित होने को दर्शाता है।

अनिल अग्रवाल की Silver को लेकर योजनाएं

अनिल अग्रवाल ने राजस्थान में एक नॉन-प्रॉफिट इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की भी घोषणा की, जो कि जिंक और चांदी उत्पादन के आसपास डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकसित किया जाएगा। यह पार्क चांदी में वैल्यू ऐडिशन को बढ़ावा देगा, लाखों रोजगार सृजित करेगा, और राजस्थान के औद्योगिक परिदृश्य में नई कंपनियों को आकर्षित करेगा।

इस प्रकार, चांदी की बढ़ती मांग और इसकी नई औद्योगिक पहचान के चलते यह अब केवल एक कीमती धातु नहीं, बल्कि एक आवश्यक औद्योगिक संसाधन बन गई है।

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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।

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