SME IPO: बाज़ार की वास्तविकता और निवेशकों के लिए चेतावनी 2024

SME IPO: भारत में SME (Small and Medium Enterprises) IPO की दुनिया में हाल के दिनों में काफी हलचल मची हुई है। यह छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों के लिए पब्लिक में पैसा जुटाने का एक महत्वपूर्ण ज़रिया है, लेकिन निवेशकों के लिए यह उतना ही जोखिम भरा हो सकता है। इस लेख में हम SME IPOs के पीछे की वास्तविकता को समझने की कोशिश करेंगे और इस मार्केट में हो रही “यूफोरिया” यानी अति-उत्साह को एक्सपोज़ करेंगे।

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वास्तविकता बनाम कल्पना

कई बार बाज़ार में ऐसा माहौल बन जाता है जहाँ वास्तविकता और कल्पना के बीच का फ़र्क मिट जाता है। ऐसा ही कुछ हाल SME IPOs के साथ हो रहा है। उदाहरण के लिए, एक छोटी कंपनी “Resourceful Automobiles Ltd.” केवल दो शोरूम और आठ कर्मचारियों के साथ 12 करोड़ का IPO लाई, जिसे रिटेल इन्वेस्टर्स ने 496 गुना अधिक सब्सक्राइब किया। यह किसी भी मानक से “मैडनेस” है क्योंकि कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन इतना मजबूत नहीं था कि उसे इतनी बड़ी मात्रा में निवेश मिले।

कंपनियों की वित्तीय स्थिति की अनदेखी

एक और उदाहरण “Broch Lifecare Hospital” का है। यह मात्र 26 बेड वाला एक छोटा अस्पताल है, लेकिन इसके IPO को 40 करोड़ रुपये की सब्सक्रिप्शन मिली, जबकि इसे केवल कुछ ही करोड़ रुपये जुटाने थे। ऐसी कई और कंपनियाँ हैं, जिनके पास मजबूत फंडामेंटल्स नहीं हैं लेकिन फिर भी उन्हें बड़ी मात्रा में सब्सक्रिप्शन मिल रहा है।

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लिस्टिंग गेन का मोह

SME IPOs में निवेशक तेजी से इसलिए भी जुट रहे हैं क्योंकि कई IPOs में लिस्टिंग गेन मिल रहा है। एक छोटा सा IPO 50-60% तक लिस्टिंग गेन दे सकता है, जिससे निवेशक जल्दी पैसा बनाने की सोचते हैं। यह मानसिकता निवेशकों को लॉन्ग टर्म फंडामेंटल्स को नज़रअंदाज कर केवल शॉर्ट टर्म मुनाफे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करती है।

मार्केट में असंतुलन

COVID-19 के बाद से शेयर बाजार में लोगों ने तेजी से निवेश करना शुरू किया है। कई लोग अपनी FD तोड़कर या संपत्तियाँ बेचकर शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं, लेकिन वे यह नहीं समझ पा रहे कि कहाँ निवेश करना सही है। इसी का फायदा SME IPOs उठा रही हैं।

फंडामेंटल एनालिसिस की कमी

निवेशकों में फंडामेंटल एनालिसिस की समझ की कमी है। कई लोग बिना कंपनी के बिजनेस मॉडल और वित्तीय स्थिति को देखे सिर्फ लिस्टिंग गेन के लालच में IPO में पैसा लगा रहे हैं। लेकिन असल में, बिना मजबूत फंडामेंटल्स वाली कंपनियों में निवेश करना एक बड़ा जोखिम हो सकता है।

नए नियम और रेगुलेशन

SEBI और स्टॉक एक्सचेंज ने SME IPOs के लिए नए नियम लागू किए हैं। 1 सितंबर से लागू होने वाले इन नियमों के अनुसार, कंपनियों को लिस्टिंग से पहले पिछले तीन में से दो सालों में “Free Cash Flow to Equity” सकारात्मक होना चाहिए। इसके अलावा, पहले दिन की लिस्टिंग पर 90% का कैप भी लगाया गया है, जिससे यूफोरिया को थोड़ा नियंत्रित किया जा सके।

फंडामेंटल्स की अहमियत

SME IPOs में निवेश करने से पहले फंडामेंटल्स को गहराई से समझना बहुत जरूरी है। अगर कंपनी के फंडामेंटल्स मजबूत हैं, तभी उसका IPO लॉन्ग टर्म में सफल हो सकता है। लेकिन आजकल ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं हो रहा है, और निवेशक बिना सोच-विचार के पैसा लगा रहे हैं।

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कैश कन्वर्ज़न साइकिल

SME कंपनियों की कैश कन्वर्ज़न साइकिल भी चिंता का विषय है। कई बार छोटे शोरूम बिज़नेस में भी कैश कन्वर्ज़न साइकिल 100-150 दिनों की होती है, जो कि सामान्य नहीं है। ऐसे संकेत बताते हैं कि कंपनियाँ IPO लाकर अपने कर्ज़ों को चुकाने की योजना बना रही हैं, न कि बिज़नेस को बढ़ाने की।

IPO मार्केट की उफान पर स्थिति

2024 में अब तक 140 SME IPOs आ चुके हैं, जिन्होंने लगभग 5000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। SME IPO इंडेक्स ने पिछले 5 सालों में 5779% का रिटर्न दिया है, जो कि एक असामान्य वृद्धि है। ऐसे में यह देखना जरूरी है कि क्या यह ग्रोथ फंडामेंटल्स पर आधारित है या सिर्फ बाजार के उत्साह का नतीजा है।

निवेशकों के लिए चेतावनी

अगर आप SME IPOs में निवेश करना चाहते हैं, तो यह बहुत जरूरी है कि आप कंपनी के फंडामेंटल्स को अच्छे से समझें। यह एक बहुत ही रिस्की गेम हो सकता है, जिसमें यदि कंपनी के बिजनेस मॉडल में कोई गड़बड़ी हुई तो आपका पूरा निवेश डूब सकता है। इसलिए, अगर आपका जोखिम लेने का इरादा कम है, तो बेहतर होगा कि आप इस मार्केट से दूर रहें और मुख्य बाजार में निवेश करें।

निष्कर्ष

SME IPOs की मौजूदा स्थिति निवेशकों के लिए जोखिम भरी है। लिस्टिंग गेन का मोह, फंडामेंटल एनालिसिस की कमी, और कंपनियों के वित्तीय स्वास्थ्य की अनदेखी के चलते निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

डिस्‍क्‍लेमर: आईपीओ में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। यहां आईपीओ की डीटेल्स दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है, कृपया निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से परामर्श अवश्य कर लें।

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