यस बैंक (Yes Bank) अपडेट: यस बैंक, एसेट के आधार पर देश का छठा सबसे बड़ा बैंक है। इस बैंक में एसबीआई की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। इसके साथ ही एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और एलआईसी का भी स्टेक है। जापान के एक बैंक ने इसे खरीदने की होड़ से हटने का फैसला किया है।
देश के प्रमुख प्राइवेट बैंकों में से एक Yes Bank को खरीदने की रेस में अब केवल दो ही दावेदार बचे हैं। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जापान की प्रमुख फाइनेंशियल कंपनी मिजुहो ने Yes Bank में हिस्सेदारी खरीदने की योजना से बाहर निकलने का निर्णय लिया है। इसके बाद अब इस बैंक को खरीदने की होड़ में केवल सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) और एमिरेट्स एनबीडी रह गए हैं। एसेट के आधार पर यस बैंक देश का छठा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है, जिसकी मार्केट वैल्यू 73,020.67 करोड़ रुपये है। 51% हिस्सेदारी की बिक्री से यह बैंकिंग सेक्टर में देश का सबसे बड़ा मर्जर एंड एक्विजिशन होगा।
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Yes Bank में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 23.99% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है। इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और एलआईसी की कुल 11.34% हिस्सेदारी है। जून तक, दो निजी इक्विटी फंड एडवेंट इंटरनेशनल और कार्लाइल के पास बैंक में क्रमशः 6.94% और 9.20% हिस्सेदारी थी। एसबीआई ने इन खबरों का खंडन किया है कि वह यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच रहा है। Yes Bank के प्रवक्ता ने कहा कि वे अटकलों पर आधारित सवालों पर टिप्पणी नहीं करेंगे। एसएमबीसी ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मिजुहो के भारत के प्रतिनिधियों और अबू धाबी में एमिरेट्स एनबीडी के प्रवक्ताओं ने सवालों का जवाब नहीं दिया।
जापानी बैंक क्यों हटा?
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मिजुहो बैंक फाइनेंशियल इनवेस्टमेंट करना चाहता था और बिना किसी बोर्ड प्रतिनिधित्व के बैंक में 20-24% हिस्सेदारी हासिल करना चाहता था। वह बैंक में अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी खरीदने के लिए कोई ओपन ऑफर भी शुरू नहीं करना चाहता था। फाइनेंशियल सेक्टर में जापान से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के कई प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। शायद यही वजह है कि मिजुहो के मैनेजमेंट ने इससे किनारा करने में ही भलाई समझी। जापान के सबसे बड़े वित्तीय संस्थान बैंक ऑफ टोक्यो-मित्सुबिशी यूएफजे (MUFG) और एचडीएफसी बैंक के बीच HDB फाइनेंशियल सर्विसेज में करीब $2 अरब के निवेश के लिए बातचीत अटकी हुई है। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है।
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MUFG को Yes Bank के लिए भी चुना गया था, लेकिन उसने शुरुआती बातचीत के बाद इससे किनारा कर लिया। HDB में MUFG के प्रस्तावित निवेश को भारत में वित्तीय सेवाओं में सबसे बड़ा FDI बताया गया था। एक एग्जीक्यूटिव ने कहा कि अमेरिकी बैंक भारत से बोरिया-बिस्तर समेट रहे हैं, यूरोपीय बैंकों के पास निवेश करने के लिए पूंजी नहीं है। केंद्र सरकार चीन की भागीदारी को लेकर उत्सुक नहीं है। अब जापान और पश्चिम एशिया ही विकल्प बचे हैं। जापान की भारत में गहरी जड़ें हैं और व्यापक संस्थागत मौजूदगी है। आरबीआई ने यस बैंक के लिए ऑनरशिप गाइडलाइंस में ढील दी है। एक ही खरीदार बैंक में 51% और उससे अधिक की नियंत्रण हिस्सेदारी खरीद सकता है।
अब आगे क्या?
Yes Bank की हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में केवल दो बड़े खिलाड़ी बचे हैं एक है, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) और दूसरा नाम है एमिरेट्स एनबीडी। दोनों ही संस्थान अपने-अपने तरीके से बैंकिंग सेक्टर में एक मजबूत उपस्थिति रखते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा बैंक अंततः Yes Bank की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी हासिल करता है।
Yes Bank की बिक्री को लेकर उठे सवालों पर Yes Bank के प्रवक्ता ने कहा कि वे अटकलों पर आधारित सवालों पर टिप्पणी नहीं करेंगे। वहीं, एसएमबीसी और एमिरेट्स एनबीडी के प्रवक्ताओं ने भी इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
एसबीआई के पास Yes Bank में 23.99% हिस्सेदारी है, और इसने स्पष्ट किया है कि वह अपनी हिस्सेदारी बेचने का कोई इरादा नहीं रखता। यस बैंक में अन्य शेयरहोल्डर्स में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, और एलआईसी शामिल हैं, जिनकी कुल 11.34% हिस्सेदारी है।
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Yes Bank की भविष्य की दिशा तय करने में यह मर्जर और एक्विजिशन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारतीय बैंकिंग सेक्टर में यह अब तक का सबसे बड़ा मर्जर एंड एक्विजिशन साबित हो सकता है। इस घटनाक्रम पर नजर बनाए रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल यस बैंक के लिए बल्कि भारतीय बैंकिंग उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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