HAL Share: 09 सितंबर 2024 को बाजार बंद होने के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Ltd – HAL) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ ₹26,000 करोड़ का एक महत्वपूर्ण कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट Su-30MKI फाइटर जेट्स के लिए 240 AL-31FP Aero Engines की आपूर्ति के लिए है। इस घोषणा के बाद से ही शेयर बाजार में हलचल की उम्मीद है, क्योंकि HAL के शेयर पहले से ही मल्टीबैगर रिटर्न दे रहे हैं।
₹26,000 करोड़ का Su-30MKI इंजन कॉन्ट्रैक्ट: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम
इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत एचएएल को 240 AL-31FP Aero Engines का निर्माण करना है, जो भारतीय वायुसेना के Su-30MKI फाइटर जेट्स में उपयोग होंगे। यह डील न केवल भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का हिस्सा है, बल्कि इससे देश की डिफेंस सेक्टर में एचएएल की महत्वपूर्ण भूमिका और भी मजबूत होगी।
रक्षा मंत्रालय और HAL के बीच ऐतिहासिक समझौता
रक्षा मंत्रालय ने इस डील को 9 सितंबर 2024 को अंतिम रूप दिया। इस मौके पर रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी मौजूद थे। इस डील से HAL की ऑर्डर बुक अब ₹1,20,000 करोड़ तक पहुंच गई है, जो पहले ₹94,000 करोड़ थी।
Su-30MKI बेड़े की क्षमता में वृद्धि
240 AL-31FP इंजन का निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा। ये इंजन Su-30MKI एयरक्राफ्ट के बेड़े की ऑपरेशनल क्षमता को बनाए रखने में भारतीय वायुसेना की मदद करेंगे। एचएएल सालाना 30 इंजन की डिलीवरी करेगा, और अगले 8 वर्षों में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
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स्वदेशीकरण में वृद्धि: आत्मनिर्भर भारत का संकल्प
एचएएल ने घोषणा की है कि इन इंजनों के निर्माण के दौरान, वह भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का लाभ उठाएगा, जिसमें MSMEs, पब्लिक और प्राइवेट इंडस्ट्री शामिल होंगी। इसके अलावा, एचएएल ने यह भी कहा कि डिलीवरी प्रोग्राम के अंत तक स्वदेशीकरण की मात्रा 63% तक बढ़ाई जाएगी। इससे ना सिर्फ इंजन के निर्माण में बल्कि उनकी मरम्मत में भी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
HAL की शेयर मार्केट परफॉर्मेंस: निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न
पिछले कुछ वर्षों में एचएएल ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। अगर हम शेयर की परफॉर्मेंस पर नजर डालें, तो पिछले 6 महीनों में HAL का शेयर 40% बढ़ा है, जबकि साल 2024 में अब तक 65% का उछाल आया है। पिछले 1 साल में इसने 127% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।
2 वर्षों में 283% का रिटर्न: एक मल्टीबैगर स्टॉक
पिछले 2 वर्षों में एचएएल के शेयर ने 283% का रिटर्न दिया है, और 3 वर्षों में यह आंकड़ा 577% तक पहुंच गया है। इस शेयर का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर ₹5,675 है, जो इसने 9 जुलाई 2024 को छुआ था। वहीं, इसका 52-सप्ताह का न्यूनतम स्तर ₹1,767.95 रहा है।
मार्केट कैप और मौजूदा स्थिति
एचएएल का मौजूदा मार्केट कैप ₹3,11,274.64 करोड़ है, जो इसे एक प्रमुख डिफेंस PSU कंपनी बनाता है। 9 सितंबर 2024 को बाजार बंद होने के बाद इसका शेयर मूल्य ₹4,654.40 पर था, जिसमें 0.98% की गिरावट देखी गई।
डिफेंस सेक्टर में HAL की भविष्य की रणनीति
एचएएल की यह डील दर्शाती है कि कंपनी भविष्य में भी डिफेंस सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, एचएएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों को और भी बड़े अवसर मिलने की उम्मीद है। इससे न केवल कंपनी की ग्रोथ होगी, बल्कि यह भारत की सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी मजबूती प्रदान करेगा।
HAL का स्वदेशीकरण पर जोर
इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत HAL ने यह वादा किया है कि वह स्वदेशीकरण के स्तर को और बढ़ाएगा। इससे भारतीय उद्योगों, विशेष रूप से MSMEs को भी विकास के नए अवसर मिलेंगे। HAL का यह प्रयास न केवल लागत को नियंत्रित करेगा, बल्कि तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा।
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शेयरधारकों के लिए सुनहरे अवसर
HAL के शेयरों की मौजूदा परफॉर्मेंस और भविष्य की संभावनाएं निवेशकों के लिए आकर्षक हैं। जिस गति से HAL डिफेंस सेक्टर में नए कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल कर रहा है, उससे आने वाले समय में इसके शेयर की कीमतों में और उछाल देखने को मिल सकता है।
सालाना ₹3,750 करोड़ का नया अवसर
इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत HAL हर साल 30 AL-31FP इंजन की सप्लाई करेगा, जिससे कंपनी को सालाना ₹3,750 करोड़ का रेवेन्यू मिलेगा। इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति और भी मजबूत होगी।
HAL की भविष्य की योजनाएं: ग्लोबल मार्केट पर नजर
HAL की भविष्य की योजनाओं में अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार भी शामिल है। कंपनी ने हाल ही में कई विदेशी देशों के साथ बातचीत की है, जो इसके वैश्विक विस्तार के संकेत देते हैं। अगर HAL सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करता है, तो यह इसके रेवेन्यू और मुनाफे में भारी वृद्धि का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष: HAL के निवेशकों के लिए भविष्य सुनहरा
इस नए कॉन्ट्रैक्ट के साथ, HAL ने फिर से साबित किया है कि वह भारत के डिफेंस सेक्टर का एक अहम हिस्सा है। कंपनी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है, और भविष्य में भी इसके शेयरों में उछाल की पूरी संभावना है। HAL का स्वदेशीकरण पर जोर और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता का संकल्प इसे एक मजबूत और स्थिर कंपनी बनाता है।
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