भारतीय निवेशक चीन के शेयर बाजार में अधिक प्रीमियम पर निवेश करने के लिए तैयार हैं। चीनी शेयरों में 16 वर्षों में सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी देखी गई, जिससे भारत में चीन-केंद्रित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की मांग बढ़ गई है। समझदार निवेशक घरेलू बाजार में उपलब्ध केवल दो चीन-केंद्रित ETF में निवेश कर रहे हैं।
शुक्रवार को NSE पर Mirae Asset Hang Seng TECH ETF की कीमत 16.9 रुपये रही, जो इसकी इंडिकेटिव नेट ऐसेट वैल्यू (INAV) या उचित मूल्य 15.9 रुपये की तुलना में लगभग 7% अधिक थी। इसी प्रकार, Nippon India ETF Hang Seng BeES अपने INAV के मुकाबले 6% प्रीमियम पर बंद हुआ।
चीन केंद्रित ETF की ऊंची मांग और आपूर्ति की कमी का असर
म्यूचुअल फंड अधिकारियों का कहना है कि ETF में आई यह तेजी मांग के बढ़ने और नई यूनिटों की कमी के कारण है। चीन में निवेश के लिए उपलब्ध फंड्स की संख्या सीमित है। जैसे ही चीन के बाजारों में तेजी आई, इन ETF की मांग बढ़ गई। लेकिन चूंकि फंड हाउस विदेशी निवेश पर प्रतिबंधों के कारण नए यूनिट जारी नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए यूनिट की संख्या सीमित रहती है।
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सेबी द्वारा लगाए गए अंतरराष्ट्रीय निवेश पर प्रतिबंध
जनवरी 2022 में, SEBI ने फंड हाउसों को वैश्विक शेयरों में निवेश से जुड़ी योजनाओं में नए सब्सक्रिप्शन लेने से रोक दिया था। यह निर्णय तब लिया गया जब उद्योग ने अपनी 7 अरब डॉलर की अंतरराष्ट्रीय निवेश सीमा को छू लिया था। बाद में SEBI ने कुछ शर्तों के तहत उद्योग को निवेश के लिए गुंजाइश दी, लेकिन यह सुनिश्चित करने की शर्त लगाई कि जोखिम का स्तर फरवरी 2022 से ऊपर न जाए। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय फंड्स अभी भी नए निवेश के लिए बंद हैं, जिससे ETF निवेशकों के लिए एकमात्र विकल्प बन गए हैं।
ETF प्रीमियम पर कारोबार का असर
पिछले दो वर्षों में कई मौकों पर इन ETF का कारोबार प्रीमियम पर हुआ है। अप्रैल 2024 में, मिरै ऐसेट फंड ने निवेशकों को चेतावनी दी थी कि उसके अंतरराष्ट्रीय ETF ऊंचे प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं, और निवेशकों को इन ETF को खरीदते समय सावधानी बरतने की सलाह दी थी।
चीन के शेयरों में जबरदस्त उछाल
चीन के शेयर बाजारों ने 16 वर्षों में सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी दर्ज की। महामारी के बाद चीन ने इस सप्ताह आर्थिक प्रोत्साहन के तहत राहत पैकेज पेश किया। चीन के प्रमुख सूचकांक CSI 300 और शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में इस सप्ताह क्रमशः 16% और 13% की तेजी आई, जो 2008 के बाद की सबसे बड़ी बढ़त है।
चीन के केंद्रीय बैंक की नीतिगत प्रतिक्रिया
चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को सभी बैंकों के लिए रिजर्व आवश्यकता अनुपात (RRR) में 50 आधार अंकों की कटौती की घोषणा की और साथ ही सात-दिवसीय रिवर्स रिपो रेट में 20 आधार अंकों की कमी की। इन उपायों का उद्देश्य कमजोर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। हालांकि, अगस्त में चीन के औद्योगिक मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन स्टॉक मार्केट में उत्साह जारी रहा। CSI 300 और SSE Composite इंडेक्स में क्रमशः 4.5% और 2.9% की बढ़ोतरी देखी गई।
प्रॉपर्टी और टेक शेयरों में तेजी
चीन के प्रॉपर्टी सेक्टर में भी बढ़ोतरी जारी रही। सितंबर में आयोजित पोलित ब्यूरो की बैठक में आवास बाजार को स्थिर करने के आश्वासन के बाद, प्रॉपर्टी शेयरों में 8% की वृद्धि हुई। शंघाई और शेनझेन के रियल एस्टेट बाजार को मजबूत करने के लिए कुछ प्रमुख प्रतिबंध हटाने की योजना भी सामने आई, जिससे कंज्यूमर स्टेपल्स सेगमेंट के शेयरों में भी तेजी आई। टेक्नोलॉजी सेक्टर में, JD.com और Meituan जैसे शेयरों में 8% से अधिक की वृद्धि हुई।
हांगकांग के टेक शेयरों में तेजी
हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स (HSI) में भी इस तेजी का असर देखा गया, जिसमें 3.6% की बढ़त दर्ज की गई। टेक्नोलॉजी शेयरों के अच्छे प्रदर्शन के कारण बाजार में यह उछाल आया।
इस प्रकार, चीन के शेयर बाजार की यह बढ़त और ETF में निवेश की बढ़ती मांग भारतीय निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर बन गई है। भारतीय और चीनी इक्विटी बाजारों के बीच मूल्यांकन का अंतर भी इस बढ़ती दिलचस्पी का प्रमुख कारण है।
निष्कर्ष
चीन के बाजार में निवेश का यह आकर्षण और ETF के प्रीमियम पर कारोबार ने निवेशकों के लिए एक अनूठा अवसर प्रस्तुत किया है। ETF में निवेश की मांग और सीमित आपूर्ति के चलते इनकी कीमतों में तेजी देखी गई है। निवेशकों को अब सतर्कता के साथ बाजार के इन रुझानों पर नजर रखनी चाहिए ताकि वे सही समय पर निवेश का निर्णय ले सकें।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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