Mutual Fund Negative Returns: पिछले 3 साल में निगेटिव या लगभग शून्य रिटर्न देने वाले 11 म्यूचुअल फंड्स की लिस्ट एक महत्वपूर्ण सबक देती है, सही म्यूचुअल फंड का चुनाव बेहद जरूरी है। निवेशकों को ध्यान देना चाहिए कि मुनाफे के लिए सही फंड चुनते समय अतिरिक्त सावधानी बरतना आवश्यक है।
खराब प्रदर्शन करने वाले FoFs के साथ क्यों जुड़े मार्केट रिस्क?
Mutual Fund में निवेश हमेशा फायदेमंद नहीं होता। मार्केट रिस्क के कारण कई बार निवेशक को नुकसान भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, फंड ऑफ फंड्स (FoF) की कैटेगरी में आने वाले 11 फंड्स ने पिछले 3 सालों में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। इन फंड्स का औसत सालाना रिटर्न (CAGR) या तो निगेटिव रहा है या 1% से भी कम। सबसे बुरी प्रदर्शन करने वाली स्कीम का रेगुलर प्लान का औसत रिटर्न माइनस -8.42% रहा है।
यह आंकड़े एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) के डेटा के विश्लेषण से मिले हैं।
इन फंड्स के खराब प्रदर्शन से एक बात स्पष्ट होती है कि निवेशकों को Mutual Fund चुनने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च और सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए। नीचे हम सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले FoFs की सूची देखेंगे, लेकिन पहले जान लेते हैं कि FoFs क्या होते हैं।
फंड ऑफ फंड्स (FoFs) क्या होते हैं?
Fund of Funds (FoFs) Mutual Fund की एक कैटेगरी होती है, जिसमें सीधे स्टॉक्स, बॉन्ड्स, या सिक्योरिटीज में निवेश करने की जगह, अन्य म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स में निवेश किया जाता है। इसे मल्टी-मैनेजर इनवेस्टमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये फंड्स अन्य फंड्स के माध्यम से निवेश करते हैं, जो कि विभिन्न फंड मैनेजर्स द्वारा संचालित होते हैं।
3 साल में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले Mutual Fund की लिस्ट:
नीचे दी गई 11 स्कीम्स ने पिछले 3 सालों में निगेटिव या 1% से भी कम का औसत रिटर्न दिया है:
Invesco India – Invesco Global Consumer Trends FoF
- रेगुलर प्लान: -8.42%
- डायरेक्ट प्लान: -7.51%
Edelweiss Greater China Equity Off-shore Fund
- रेगुलर प्लान: -8.35%
- डायरेक्ट प्लान: -7.50%
PGIM India Emerging Markets Equity Fund
- रेगुलर प्लान: -6.55%
- डायरेक्ट प्लान: -5.51%
Axis Greater China Equity FoF
- रेगुलर प्लान: -5.29%
- डायरेक्ट प्लान: -4.23%
Mahindra Manulife Asia Pacific REITs FoF
- रेगुलर प्लान: -4.09%
- डायरेक्ट प्लान: -3.14%
Edelweiss Emerging Markets Opportunities Equity Offshore Fund
- रेगुलर प्लान: -3.78%
- डायरेक्ट प्लान: -2.92%
HSBC Global Equity Climate Change FoF
- रेगुलर प्लान: -1.22%
- डायरेक्ट प्लान: -0.49%
HSBC Global Emerging Markets Fund
- रेगुलर प्लान: -0.88%
- डायरेक्ट प्लान: -0.18%
DSP Global Clean Energy Fund of Fund
- रेगुलर प्लान: -0.36%
- डायरेक्ट प्लान: -0.25%
Kotak International REIT FoF
- रेगुलर प्लान: -0.19%
- डायरेक्ट प्लान: 0.70%
इन 11 FoFs में कॉमन क्या है?
इन सभी Mutual Fund में एक समान बात यह है कि ये अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करते हैं। ये फंड्स मुख्य रूप से उन फंड्स में निवेश करते हैं जो विदेशी म्यूचुअल फंड्स, विदेशी कंपनियों की इक्विटी, बॉन्ड्स, और ETF में निवेश करते हैं। विदेशी बाजारों में होने वाले उतार-चढ़ाव का इन पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जो इनके निगेटिव या बेहद कम रिटर्न का बड़ा कारण है।
अंतरराष्ट्रीय निवेश से जुड़े प्रमुख जोखिम
- राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता
विदेशों में निवेश करते समय वहां की राजनीतिक स्थिति और आर्थिक नीतियों में होने वाले बदलाव का सीधा असर FoFs पर पड़ता है। किसी देश की पॉलिसी में बदलाव का निवेश के प्रदर्शन पर बड़ा असर हो सकता है। - फॉरेन एक्सचेंज दरों का प्रभाव
विदेशी बाजारों में निवेश करने वाले फंड्स को फॉरेन एक्सचेंज रेट्स में उतार-चढ़ाव का ज्यादा सामना करना पड़ता है, जिससे इनके रिटर्न पर असर पड़ सकता है।
निवेशकों के लिए सबक
इन 11 फंड ऑफ फंड्स के प्रदर्शन से यह स्पष्ट होता है कि Mutual Fund में निवेश करते समय हर रिस्क फैक्टर को ध्यान में रखना जरूरी है। निवेशक को न केवल फंड के प्रदर्शन का गहराई से विश्लेषण करना चाहिए, बल्कि उसकी रणनीति और मार्केट एक्सपोजर को भी समझना चाहिए। खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करने वाले फंड्स में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ये घरेलू फंड्स के मुकाबले ज्यादा अस्थिर होते हैं।
निष्कर्ष:
निवेशकों को हमेशा Mutual Fund चुनते समय अपनी रिस्क प्रोफाइल और निवेश उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करते समय उसके जोखिम और संभावनाओं का गहन अध्ययन आवश्यक है। सही Mutual Fund चुनना एक गंभीर प्रक्रिया है, और गलत चयन से निवेशक को भारी नुकसान हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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