Suzlon ग्रुप, जो भारत और 17 से अधिक देशों में wind energy generation का बड़ा नाम है, ने अपनी कर्ज से जूझती छवि को बदलते हुए एक नई उड़ान भरी है। लगभग 30 वर्षों से renewable energy sector में काम कर रही इस कंपनी ने अब अपनी balance sheet को पूरी तरह से कर्ज मुक्त कर दिया है। इस परिवर्तन के पीछे कंपनी के CFO हिमांशु मोदी का नेतृत्व और उनकी सटीक रणनीतियां हैं।
Suzlon: संघर्ष से सफलता तक की कहानी
हिमांशु मोदी, जो अगस्त 2021 से Suzlon के ग्रुप CFO हैं, ने कर्ज के बोझ तले दबी इस कंपनी को न केवल उबारा, बल्कि इसे ग्रोथ की ओर अग्रसर किया। उनके 25 वर्षों के corporate finance और renewable energy अनुभव ने Suzlon को संकट से निकालने में अहम भूमिका निभाई।
कर्ज से छुटकारा पाने की रणनीति
Suzlon पर भारी कर्ज का दबाव था, जिसे एक checkered past के रूप में देखा जाता था। इसे खत्म करने के लिए कंपनी ने कई ठोस कदम उठाए:
- Debt restructuring और refinancing: लेंडर्स के साथ equity shares का आदान-प्रदान किया गया।
- ₹1200 करोड़ का rights issue और ₹2000 करोड़ का institutional placement: इनसे जुटाई गई राशि का उपयोग कर्ज चुकाने में हुआ।
- Working capital facilities को बढ़ाया गया, जिससे operational efficiency बेहतर हुई।
आज की स्थिति: कर्ज मुक्त और कैश सरप्लस
Suzlon अब ₹1200 करोड़ के कैश सरप्लस के साथ खड़ी है। कंपनी के पास order book में लगभग 5.5 गीगावॉट की परियोजनाएं हैं, जिन्हें अगले दो वर्षों में पूरा किया जाना है।
मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में सुधार
Suzlon की वार्षिक manufacturing capacity 5.5 गीगावॉट है, जो पहले केवल 15-20% तक ही उपयोग हो पाती थी। अब कंपनी इस क्षमता का अधिकतम उपयोग कर रही है, जिससे economy of scale का लाभ मिल रहा है।
वित्तीय प्रदर्शन में सुधार
- कर्ज मुक्त होने से कंपनी का ब्याज खर्च बेहद कम हो गया है।
- Tax benefits के लिए carry-forward losses का उपयोग किया जा रहा है।
- Depreciation कम है क्योंकि incremental capex न्यूनतम है।
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भविष्य की योजनाएं
हिमांशु मोदी ने बताया कि FY 2024 तक कंपनी ने अपनी balance sheet को पूरी तरह से ठीक कर लिया है। अब FY 2025 में फोकस operational excellence पर है।
- नई ERP systems और IT automation पर निवेश हो रहा है।
- Order book का मूल्य ₹300 करोड़ से अधिक है, जिसे अगले दो वर्षों में पूरा किया जाएगा।
निवेशकों के लिए सुनहरा मौका?
Suzlon का शेयर, जो कभी सिंगल डिजिट में था, अब 70-80 रुपये के स्तर पर है। निवेशक इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि यह स्टॉक आगे 600-700 रुपये तक जा सकता है। कंपनी का कहना है कि भविष्य में profitability और top-line growth में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
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निष्कर्ष
Suzlon की यात्रा एक उदाहरण है कि किस तरह से एक कर्ज में डूबी कंपनी अपने ठोस नेतृत्व और रणनीतिक बदलावों से ग्रोथ की नई कहानी लिख सकती है। हिमांशु मोदी के नेतृत्व में कंपनी ने न केवल वित्तीय स्थिरता हासिल की है, बल्कि एक बार फिर से renewable energy sector में अपनी धाक जमाने को तैयार है।
आने वाले समय में Suzlon का प्रदर्शन इसे निवेशकों और इंडस्ट्री दोनों के लिए बेहद आकर्षक बना सकता है। क्या आप इस ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनना चाहेंगे?
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डिस्क्लेमर: स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं। कृपया निवेश करने से पहले खुद की रिसर्च करें या फिर अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें और उसके अनुसार ही निर्णय लें। इस आर्टिकल में दी गई सूचनाओं का उद्देश्य आम जनों के साथ निवेशकों और ट्रेडर्स को जागरूक करना और उनकी जानकारी में वृद्धि करना है।
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