Gold BeES या Gold ETFs: ₹10 से शुरू करें गोल्ड में निवेश, कौन देगा ज्यादा रिटर्न और है ज्यादा सुरक्षित? जानें सबकुछ!

Gold BeES Vs Gold ETFs: भारत में सोना सिर्फ गहनों का शौक नहीं, बल्कि निवेश का सबसे भरोसेमंद और पसंदीदा जरिया भी है। चाहे त्योहार हो, शादी-ब्याह हो, या महंगाई से बचाव, गोल्ड हमेशा निवेशकों का सुरक्षा कवच रहा है। लेकिन अब आपको सोना खरीदने के लिए ज्वैलरी शॉप जाने की जरूरत नहीं! Gold BeES और Gold ETFs जैसे डिजिटल ऑप्शंस ने गोल्ड में निवेश को आसान, सुरक्षित और किफायती बना दिया है। बड़ा सवाल यह है: Gold BeES और Gold ETFs में क्या अंतर है? निवेश के लिए कौन बेहतर है, और कौन देता है ज्यादा रिटर्न? आइए, इस आर्टिकल में हर डिटेल को आसान भाषा में समझें और जानें कि आपके लिए क्या है सही!

Table of Contents

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Gold BeES क्या है?

Gold BeES (Benchmark Exchange Traded Scheme) भारत का पहला गोल्ड-बेस्ड ETF है, जिसे Nippon India Mutual Fund (पहले Reliance MF) ने लॉन्च किया था। यह Exchange Traded Fund (ETF) घरेलू सोने की कीमतों को सीधे ट्रैक करता है। इसमें हर यूनिट 0.01 ग्राम शुद्ध सोने के बराबर होती है। Gold BeES को कम लागत, हाई लिक्विडिटी और आसान निवेश के लिए जाना जाता है। यह स्टॉक एक्सचेंज (BSE/NSE) पर लिस्टेड है, और आप इसे शेयर की तरह खरीद-बेच सकते हैं।

Gold ETFs क्या हैं?

Gold ETFs (Exchange Traded Funds) भी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं और सोने की कीमतों को ट्रैक करते हैं। इन्हें अलग-अलग Asset Management Companies (AMCs) जैसे HDFC, SBI, ICICI, Kotak आदि द्वारा ऑफर किया जाता है। हर ETF की यूनिट वैल्यू और Expense Ratio अलग हो सकती है, लेकिन ये सभी 24 कैरेट गोल्ड में निवेश की सुविधा देते हैं।

Gold BeES vs Gold ETFs: अंतर क्या है?

आइए, दोनों की तुलना एक टेबल के जरिए समझें:

पहलूGold BeESGold ETFs
प्रोवाइडरसिर्फ Nippon India Mutual Fundकई AMCs (HDFC, SBI, ICICI, Kotak आदि)
Expense Ratio~0.80%0.32% से 0.78% तक
Tracking Error~0.22%कुछ ETFs में कम (0.14%-0.15%)
Liquidityहाई (लोकप्रिय और पुराना होने के कारण)AMC पर निर्भर
Unit Value0.01 ग्राम सोने के बराबरअलग-अलग फंड में अलग
TaxationLTCG (12.5% फ्लैट, >12 महीने)नियम समान

प्रमुख अंतर:

  1. प्रोवाइडर: Gold BeES सिर्फ Nippon India MF द्वारा ऑफर किया जाता है, जबकि Gold ETFs में कई AMCs के ऑप्शंस हैं।
  2. Expense Ratio: Gold ETFs में कुछ फंड्स का Expense Ratio Gold BeES से कम हो सकता है (0.32% तक), जो लॉन्ग-टर्म में कॉस्ट बचाता है।
  3. Tracking Error: कुछ Gold ETFs में Tracking Error Gold BeES से कम होता है, यानी वे सोने की कीमतों को बेहतर ट्रैक करते हैं।
  4. Liquidity: Gold BeES की Liquidity ज्यादा है, क्योंकि यह भारत का सबसे पुराना और लोकप्रिय गोल्ड ETF है।
  5. Unit Value: Gold BeES की हर यूनिट 0.01 ग्राम सोने के बराबर है, जबकि Gold ETFs में यह फंड के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।

निवेश के लिए कौन सा बेहतर: Gold BeES या Gold ETFs?

आपके लिए सही ऑप्शन चुनने से पहले इन पहलुओं पर विचार करें:

1. सुरक्षा (Safety)

दोनों ही ऑप्शंस पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित हैं। आपको फिजिकल गोल्ड को स्टोर करने की चिंता नहीं होती, क्योंकि ये Safe Vaults में रखा जाता है। RBI और SEBI के रेगुलेशंस इनकी सिक्योरिटी सुनिश्चित करते हैं।

2. Liquidity

Gold BeES की Liquidity ज्यादा है, क्योंकि यह मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेडेड गोल्ड ETF है। बड़े AMCs जैसे HDFC या SBI के Gold ETFs भी अच्छी Liquidity देते हैं, लेकिन छोटे AMCs में यह कम हो सकती है।

3. रिटर्न्स (Returns)

Gold BeES और Gold ETFs दोनों ही सोने की कीमतों से लिंक्ड हैं, इसलिए रिटर्न्स में ज्यादा अंतर नहीं होता। लेकिन कम Expense Ratio और Tracking Error वाले ETF लॉन्ग-टर्म में थोड़ा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं। उदाहरण: अगर गोल्ड प्राइस 1 साल में 15% बढ़ता है, तो कम Expense Ratio (0.32% vs 0.80%) वाला ETF ज्यादा प्रॉफिट देगा।

4. लॉन्ग-टर्म निवेश

अगर आप 3-5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो कम Expense Ratio वाले Gold ETFs (जैसे SBI या HDFC) बेहतर हो सकते हैं। लेकिन अगर आप Liquidity और सादगी चाहते हैं, तो Gold BeES बेस्ट है।

5. निवेश की शुरुआत

कई प्लेटफॉर्म्स (जैसे Jio Finance, Groww) पर आप Gold ETFs में ₹10 जैसी छोटी राशि से SIP शुरू कर सकते हैं। Gold BeES के लिए मिनिमम इनवेस्टमेंट थोड़ा ज्यादा हो सकता है, क्योंकि यह स्टॉक मार्केट में ट्रेड होता है।

गोल्ड में निवेश क्यों करें?

  • हेज अगेंस्ट इन्फ्लेशन: सोना महंगाई के खिलाफ सुरक्षा देता है।
  • सेफ हैवन: मार्केट वोलेटिलिटी में गोल्ड स्टेबल रहता है।
  • डायवर्सिफिकेशन: पोर्टफोलियो में गोल्ड जोड़कर रिस्क कम करें।
  • लॉन्ग-टर्म ग्रोथ: पिछले 5 साल में गोल्ड ने ~10-15% CAGR रिटर्न दिया है।

निवेशकों के लिए टिप्स

  • लक्ष्य निर्धारित करें: Diversification, Emergency Fund, या Wealth Creation के लिए निवेश करें।
  • Expense Ratio चेक करें: कम कॉस्ट वाले ETF चुनें।
  • SIP अपनाएं: छोटी राशि से नियमित निवेश करें।
  • मार्केट ट्रैक करें: गोल्ड प्राइसेज और ग्लोबल ट्रेंड्स पर नजर रखें।
  • टैक्स समझें: LTCG (12.5% फ्लैट, 12 महीने से ज्यादा होल्डिंग) लागू होता है।

डिस्क्लेमर: निवेश से पहले सावधानी

यह आर्टिकल केवल एजुकेशनल पर्पज के लिए है। गोल्ड निवेश मार्केट रिस्क के अधीन है। कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।

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